क्यों आसान है भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की रिपेयरिंग
- AVIN
- 27 सित॰ 2024
- 3 मिनट पठन

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की लोकप्रियता बढ़ रही है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें, सरकार की सब्सिडी, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के कारण लोग EVs को प्राथमिकता दे रहे हैं। EVs की देखभाल पेट्रोल या डीजल गाड़ियों की तुलना में आसान है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं, EV की सही देखभाल कैसे करें।
1. EV की देखभाल क्यों आसान है?
पारंपरिक गाड़ियों की तुलना में EVs की बनावट काफी सरल होती है। इनमें इंजन की जगह इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी का उपयोग होता है।
EVs को आसान क्यों माना जाता है?
कम पुर्जे: पारंपरिक गाड़ियों में हजारों पुर्जे होते हैं, जबकि EVs में केवल कुछ दर्जन।
तेल की झंझट नहीं: इंजन ऑयल, स्पार्क प्लग और गियर ऑयल की कोई जरूरत नहीं।
रिजनरेटिव ब्रेकिंग: यह ब्रेकिंग सिस्टम बैटरी को चार्ज करता है और ब्रेक्स की उम्र बढ़ाता है।
2. EV मेंटेनेंस के मुख्य क्षेत्र
A. बैटरी की देखभाल
बैटरी EV का सबसे महत्वपूर्ण और महंगा हिस्सा है। इसकी सही देखभाल इसकी उम्र बढ़ा सकती है।
बैटरी को सुरक्षित रखने के टिप्स:
पूरी तरह डिस्चार्ज न करें: बैटरी को 20% से 80% चार्जिंग के बीच रखें।
फास्ट चार्जिंग कम करें: फास्ट चार्जर का बार-बार उपयोग बैटरी पर असर डाल सकता है।
तापमान पर नजर रखें: बहुत गर्म या ठंडे स्थान पर EV को ज्यादा देर तक पार्क न करें।
B. चार्जिंग सिस्टम की जांच
चार्जिंग केबल्स और पोर्ट्स की देखभाल भी जरूरी है।
केबल्स पर क्रैक्स या डैमेज न हो, इसका ध्यान रखें।
चार्जिंग पोर्ट को साफ और सूखा रखें।
हमेशा प्रमाणित चार्जर का इस्तेमाल करें।
C. टायर्स
EVs का वजन ज्यादा होता है, जिससे टायर जल्दी घिस सकते हैं।
टायर प्रेशर जांचें: हर महीने टायर का प्रेशर जांचें।
टायर रोटेशन करें: हर 10,000 किलोमीटर पर टायर बदलवाएं।
लो-रेसिस्टेंस टायर चुनें: EVs के लिए खास डिजाइन किए गए टायर का उपयोग करें।
D. ब्रेक्स
रिजनरेटिव ब्रेकिंग के कारण EV ब्रेक्स लंबे समय तक चलते हैं, लेकिन उनकी जांच जरूरी है।
साल में एक बार ब्रेक पैड्स और फ्लूइड की जांच करवाएं।
गंदगी जमा न हो, इसके लिए ब्रेक्स की सफाई करें।
E. कूलिंग सिस्टम
कुछ EVs में बैटरी और मोटर के लिए लिक्विड कूलिंग सिस्टम होता है।
रेगुलरली कूलेंट का स्तर जांचें।
निर्माता की सिफारिश के अनुसार कूलेंट बदलें।
3. सॉफ्टवेयर अपडेट और डाइग्नोस्टिक्स
EVs में बैटरी मैनेजमेंट और ड्राइविंग के लिए सॉफ्टवेयर अहम भूमिका निभाता है।
सॉफ्टवेयर अपडेट करें: Tata, Hyundai, और MG जैसी कंपनियां समय-समय पर अपडेट रिलीज करती हैं।
एनुअल डाइग्नोस्टिक्स: साल में एक बार सर्विस सेंटर जाएं और सभी पुर्जों की जांच करवाएं।
4. भारत में EV मेंटेनेंस की लागत
पेट्रोल या डीजल गाड़ियों की तुलना में EVs की मेंटेनेंस सस्ती होती है।
औसत लागत:
बैटरी जांच: ₹2,000-₹5,000 प्रति वर्ष।
ब्रेक निरीक्षण: ₹1,000-₹2,000 प्रति वर्ष।
टायर बदलना: ₹5,000-₹10,000 प्रति टायर।
लंबी अवधि में बचत:
EVs से ईंधन और सर्विसिंग में बड़ी बचत होती है। जैसे, Tata Nexon EV का मालिक पांच साल में पेट्रोल कार के मुकाबले ₹1 लाख से ज्यादा बचा सकता है।
5. भारतीय EV मालिकों के लिए प्रैक्टिकल टिप्स
A. चार्जिंग को आसान बनाएं
घर के चार्जर का रोजाना उपयोग करें।
लंबी यात्रा के लिए चार्जिंग स्टेशन की योजना बनाएं।
रोजाना बैटरी को 100% चार्ज करना जरूरी नहीं।
B. सर्विस शेड्यूल का पालन करें
निर्माता के अनुसार नियमित सर्विस करवाएं। Tata, Mahindra, और MG जैसी कंपनियों के भारत में डेडिकेटेड सर्विस नेटवर्क हैं।
C. वारंटी की जानकारी रखें
ज्यादातर EVs में बैटरी वारंटी 8 साल या 1.6 लाख किलोमीटर तक होती है। इसे ट्रैक करना न भूलें।
6. EV मेंटेनेंस को लेकर आम मिथक
मिथक 1: EVs को मेंटेनेंस की जरूरत नहीं।
सच्चाई: EVs की देखभाल आसान है, लेकिन टायर, ब्रेक और सॉफ्टवेयर की अनदेखी से दिक्कतें हो सकती हैं।
मिथक 2: फास्ट चार्जर पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
सच्चाई: बार-बार फास्ट चार्जिंग से बैटरी की उम्र घट सकती है। केवल जरूरत पड़ने पर ही इसका इस्तेमाल करें।
7. EV मेंटेनेंस का भविष्य
जैसे-जैसे EV टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है, देखभाल और भी आसान होती जा रही है।
AI डाइग्नोस्टिक्स: सॉफ्टवेयर पहले से ही समस्याओं का अनुमान लगाएंगे।
बैटरी स्वैपिंग: Ola और Ather जैसी कंपनियां बैटरी स्वैपिंग सिस्टम पर काम कर रही हैं।
बेहतर बैटरी: सॉलिड-स्टेट बैटरी के आने से लंबी लाइफ और कम देखभाल की जरूरत होगी।
निष्कर्ष
EVs की देखभाल सरल और किफायती है, लेकिन नियमित जांच और सॉफ्टवेयर अपडेट जरूरी हैं। बैटरी, टायर, और सॉफ्टवेयर का ध्यान रखने से आपका EV लंबे समय तक शानदार प्रदर्शन करेगा।
भारत में EVs का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अब सही समय है EV अपनाने और एक स्वच्छ, टिकाऊ भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का।
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